बातें सबकी


 

 हम अक्सर चाहते है की हम जिंदगी की सारी महत्वपूर्ण चीजे एक ही बार में और जिंदगी के एक ही पड़ाव में हासिल कर ले । लेकिन ऐसा कर पाना हर किसी के बस में नहीं होता । कई बार हमें उनमें से एक या दो चीजों को जाने देना पड़ता है। फिर यही हमारे लिए कुछ ठहराव का तो कुछ अवसाद का कारण बनता है, हमारे सामने कई उदहारण होते हैं जो संपूर्णता (हमारी उस वक्त की जरूरत को लिए) लिए होते हैं और हम अपने मायनों में असफल से । हर बार हर परिस्थिति में कुछ सफलताएं होते हुए भी उन एक-दो गिनी हुई‌ नाकामियों का शौर हमें बैचैन करके रखता है । कितने व्यस्त होते हैं हम जबकि फुरसतो में जी सकते है । है ना?

 

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